रामानंद सागर कृत श्री कृष्ण भाग 29 - श्री कृष्ण ने राधा का अहंकार तोड़ा

Watch This New Song Bhaj Govindam By Adi Shankaracharya : तिलक की नवीन प्रस्तुति “श्री आदि शंकराचार्य कृत भज गोविन्दम्“ अभी देखें : _________________________________________________________________________________________________ बजरंग बाण | पाठ करै बजरंग बाण की हनुमत रक्षा करै प्राण की | जय श्री हनुमान | तिलक प्रस्तुति 🙏 भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। Watch the video song of ’’Darshan Do Bhagwaan’’ here - Ramanand Sagar’s Shree Krishna Episode 28 - Brij’s Holi and Shri Krishna-Radha’s love pastime राधा के परिधान पहनने के बाद कृष्ण राधा को अपनी मुरली देते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिये कहते हैं कि लो राधे, अब तुम कृष्ण बन गयी हो और मैं राधा। इस पर राधा एक बड़ी गहरी बात कहती हैं। वह अपने दर्द को शब्दों में उकेरते हुए कृष्ण से कहती हैं कि उन्होंने तो राधा का केवल बाहरी रूप धारण किया है किन्तु उनके वक्ष के भीतर राधा का हृदय कहाँ है जो यह जानता है कि कृष्ण से दूर जाने की पीड़ा क्या होती है। वह कृष्ण को निर्मोही बताती हैं और कहती हैं कि कृष्ण जब मोहजाल में फँसेंगे, तभी राधा बन पायेंगे। गोलोक धाम में श्रीकृष्ण राधा का उलाहना स्वीकार करते हैं किन्तु राधा-कृष्ण के अस्तित्व और आत्मा-शरीर का दर्शन समझाते हैं। वह राधा को बताते हैं कि समस्त सृष्टि में मैं अकेला हूँ। मैं ही सृजक हूँ और मैं ही विनाशक। मैं हर जीव में हूँ, चाहे वो अच्छा जीव हो या फिर बुरा। इसलिये अच्छे बनकर मैं ही मारता हूँ और जो बुरा जीव मरता है, उसके अन्दर भी मैं ही छिपा होता हूँ। अतएव यदि कृष्ण मैं हूँ तो राधा भी मैं ही हूँ। कृष्ण दर्शन को सुनकर कैलाश पर्वत पर बैठे महादेव आनन्दित होते हैं तो आका
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